गत सरकार द्वारा निर्मित मेडिकल कॉलेज को निजी व्यक्तियों को सौंपेगी : टीडीपी गठबंधन सरकार

गत सरकार द्वारा निर्मित मेडिकल कॉलेज को निजी व्यक्तियों को सौंपेगी : टीडीपी गठबंधन सरकार

The TDP Alliance Government

The TDP Alliance Government

( अर्थ प्रकाश / बोम्मा रेडड्डी )

अमरावती : : (आंध्र प्रदेश)  कडप्पा जिले के साथ अनेक जिलों में बनेप्राइवेट मेडिकल कॉलेजके जैसे पुलिवेंदुला टीचिंग हॉस्पिटल एक है जिसके साथ अन्य लगभग 10 मेडिकल कॉलेज जिला मुख्यालय में निर्मित किए गए थे जिनको प्राइवेट व्यापरीकरण करने वाले मेडिकल अस्पतालों को बेचने काबेड़ा उठाया ।

सरकार निजीकरण के हाथों में सौंपने के बाद वहां के समस्त कर्मचारीयों के खर्चों को वहां काम करने वाले डॉक्टरों और खर्चा वेतन भी दो वर्षों तक सरकार वहन करेगी यह निजीकरण में बहुत बड़ा भ्रष्टाचारी है जिसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए यह मांग करते हुए एक करोड़ हस्ताक्षर युक्त आवेदन राज्यपाल को और राष्ट्रपति को देते हुएस्थानीय हाईकोर्ट में अपील करने का भी कई राजनीतिक पार्टियों ने बेड़ा उठाया और हस्ताक्षर अभियान भी संपूर्ण किया जिससे राज्य के खजाने से सैकड़ों करोड़ रुपये का गबन होगा जो शासकीय संपत्ति का मनी लेंडिंग जैसा मामला बनता है कहा ।

एक तरफ़, न सिर्फ़ सरकारी मेडिकल कॉलेजों का निजीकरण किया जा रहा है, बल्कि एक और बंपर पेशकश के तहत मेडिकल कॉलेजों की अतिरिक्त ज़मीन पर नर्सिंग, आयुष और डेंटल कॉलेज खोलने को हरी झंडी दी जा रही है। यहाँ तक कि पीपीपी मेडिकल कॉलेजों के लिए आरएफपी में संशोधन करके इसे धन सृजन बताया जा रहा है जबकि यह गलत बयान है
 इस अस्पतालों की जमीन भवन सारी व्यवस्था करने के बाद प्राइवेट के हाथों में सौंपने के पीछे एक मनी लॉन्ड्रिंग का मामला भी बनता है और शासकीय संपत्ति को बेचने का एक आरोप साबित होता है संवैधानिक ढंग से गलत है।

वाईएसआर पार्टी तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी .सीपीएम पार्टी तेलुगु जनता पार्टी कई लोगों ने कॉलेज की प्राइवेट इकरान का विरोध जतायाधरने भी दिए तथा सरकारी मेडिकल कॉलेजों के निजीकरण के खिलाफ लड़ रही है

* सरकारी ज़मीन पर... सरकारी पैसे से हाउ मान्य मेडिकल कॉलेज को ... चंद्रबाबू सरकार ने   वाईएस जगनमोहन रेड्डी द्वारा बनाए गए मेडिकल कॉलेजों को कौड़ियों में शासन में निजी व्यक्तियों सरकारी आदेश निकालकर को दे दिया है । एक करोड़ हस्ताक्षर युक्त लोगों का कहनाहै ऐसा करके, इसने हमारे छात्रों के एमबीबीएस के सपने चकनाचूर कर दिए हैं। इसने वे मेडिकल सीटें भी छीन ली हैं जो हमें मिलनी चाहिए थीं। इसने वह मल्टी-स्पेशलिटी मेडिसिन भी छीन ली है जो गरीबों को मुफ़्त में मिलनी चाहिए थी। *

गठबंधन की चंद्रबाबू सरकार और भी ज़्यादा अहंकारी हो गई है। सरकारी पैसों से बने चार सरकारी अस्पतालों को भी वो निजी हाथों में सौंपने जा रही है। आख़िर बात क्या है... सरकार यहाँ काम करने वाले डॉक्टरों और कर्मचारियों का वेतन तो दे ही रही है। अस्पताल को न सिर्फ़ दो साल के लिए निजी क्षेत्र को सौंप दिया गया है, बल्कि सरकार वहाँ काम करने वाले सभी डॉक्टरों, नर्सों और दूसरे पैरामेडिकल स्टाफ़ का वेतन भी इन दो सालों के लिए देगी। और इसलिए... सरकार मेडिकल कॉलेज बनाने जा रही है, सरकारी अस्पतालों और उनमें काम करने वाले कर्मचारियों का वेतन निजी हाथों में देने जा रही है। शायद चंद्रबाबू सरकार ऐसा काम कर रही है जैसा दुनिया के इतिहास में किसी भी लोकतांत्रिक सरकार ने नहीं किया।